Sunday 15 April 2018

बेरोजगारी चिलगठ (संगळ)....

बेरोजगारी चिलगठ (संगळ)
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लक्ष्मण रेखा तक पार कैरियाली,
मि बेरोजगारी कू चिलगठ छौ।
लक्ष्मण रेखा का नशा मा
कळचोणी तौलाउन्द डुब्यूॅ छौं।।
नौकरी का बाना ब्वे का सौंऊ
मुसदुळौं भी डबखणू रौऊ।।
कभी भदळी त कभी पतेलाउन्द
नौकरी बास सुंगणू छौऊ।।
रीती भांडी वैकेन्सी नी च बल
कई चक्कर ड्वारून्द भी गौऊ।।
सरकरी स्कूल, अस्पलाळ सब खाली हुयां छन
कै मा ब्वन कै थै समझऊ।
बैठ्यूं रैन्दू कि कलाळ पकडी़
मि बेरोजगारी कू चिलगठ छौ।
अर सोचणू रैंदू!
जाखी तु यखुली नी छै बल
बहुत छन चिलगढ़ हुयॉ।
क्वी कुठारून्द त क्वी
बगसाउन्द डिग्री दगड़ी छन सियॉ।।
अतुल गुसांई जाखी

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